किसी ने बड़े कमाल की बात कही है, कि इंसान अगर जरूरत पड़ने पर आपको याद करें तो उसका बुरा मत मानना। याद रखना अंधेरा होने पर ही दिए की याद आती है। नमस्ते मैं हूं आर्ज कार्थिक एक बड़ी छोटी सी कहानी सुनाता हूं। एक नाव के व्यापारी थी। जिसकी बहुत सारी नाव चलती थी, उसने किराए पर नाव दी हुई थी। लेकिन एक खुद के घर के लिए उसने एक फैमिली के लिए, जो है बोट खरीदी हुई थी। बच्चों की summer vaccation आने वाली थी। उसने देखा कि नाव की हालत जो थी थोड़ी खराब हो चुकी थी।
उसने पेंटर को बुलवाया और कहा ,भैया बढ़िया से पेंट कर दो, बच्चों की गर्मी की छुट्टियां स्टार्ट हो रही है। बच्चे जो है बोटिंग के लिए जाते हैं, तो अपनी ओर से जो है शानदार जो है ।बोट तैयार कर दो पेंटर भी एडवांस था। उसने कहा आपके बच्चों के नाम बता दो ,तो दो बच्चे थे दोनों के नाम बता दिए। उस पेंटर ने एक तरफ एक बच्चे का नाम दूसरी तरफ दूसरे का नाम बहुत शानदार तरीके से उस नाव को पेंट कर दिया ।एकदम नई जो है वो तैयार हो गई और जब ये पेंटर देख रहा था ,कि भैया सही से पेंट हो गया तब इसकी नजर पड़ी उस नाव में एक छेद था । बिना देरी के इसने उस छेद को ठीक कर दिया ,क्योंकि थोड़ी बहुत मरम्मत का काम ये जानता था नाव में क्योंकि पेंट करता ही रहता था, इसे समझ थी तो इसने नाव को ठीक कर दिया। वह जो व्यापारी था जिसने इसको बुलाया था उसको इसने बताया भी नहीं और अपने पेंट के पैसे लिए, मरम्मत की बात तो की ही नहीं इसने उसके बारे में बोला भी नहीं,कि छोटा सा काम करके निकल अपने गांव चला गया।
तीन महीने बाद इस पेंटर के पास में एक चिट्ठी आती है। डाके आता है और व जो लिफाफा था उसके अंदर एक चेक था। मोटे ammount का भारी ammount था इसने कहा यह मुझे क्यों भेज दिया पेंट के पैसे तो दे दिए थे उन्होंने । अगले दिन Bus पकड़ के पहुंच गया उस व्यापारी के पास। जाकर के बोला sir मैं समझ नहीं नहीं पाया ।पेंटिंग मैंने की अपना काम किया नाव को पेंट करने का उसके पैसे आपने उस दिन दे दिए। यह इतना बड़ा check मेरे नाम का क्यों आपने जो है जारी कर दिया । व्यापारी ने कहा आओ तुम अंदर बैठो अभी, चाय बनवा हूं, चाय नाश्ते पर बात होने लगी तो व्यापारी ने कहा । भाई पेंट के पैसे तो मैंने उसी दिन दे दिए थे, लेकिन यह जो अमाउंट मैंने इस चेक में लिखा है, मुझे लगता है कि यह भी कम है । क्योंकि तुमने जो काम किया है वह अनमोल है। बात यह है कि मैं इतना बिजी रहता हूं, नाव के धंधे में मेरे पास समय ही नहीं होता। वो मैंने तुम्हें बुलाया था तुमने हमारे घर वाली जो बोट थी फैमिली के लिए। जो बोट मैंने मंगा रखी उसको तो हमने ठीक कर दिया, पेंट कर दिया बढ़िया कर दिया। बच्चों की समर vaccation शुरू हो गई और वो छुट्टियों में जब आ गए। घर पर तो उन्होंने कहा भैया बोटिंग पर जाना है ।
एक सुबह-सुबह वो निकल गए और जब वो आधा घंटा हो चुका था। जा चुके थे तब अचानक मुझे याद आया, कि मेरे बच्चे जिस नाव में गए हैं। उसमें तो छेद हो रखा है मैंने तुम्हें बुला कर के पेंट का काम तो ठीक करा लिया । लेकिन वो मरम्मत का काम करवाना मैं भूल गया था। मैंने अपनी पत्नी को बताया हम दोनों पति-पत्नी सदमे में थे हमें लग रहा था अब तो बच्चे गए। उन्हें ढूंढ पाना उनका मिल पाना पता नहीं। क्या होगा पत्नी की आंखों में आंसू आ गए थे, मैं भी परेशान था। एक घंटे बाद हमने देखा कि दोनों बच्चे वापस आ गए और बड़े खुश थे । ऐसा लग रहा था vaccation के सारे मजे वही कर रहे हैं। मैं चौक गया कि ये कैसे हुआ, जिस नाव में छेद हो रखा है। वो नाव वापस कैसे आ गई, मैं गया दौड़ा भागा और जाकर के नाव को देखा तो जो छेद था उसकी मरम्मत हो रखी थी ।तुमने उस दिन सिर्फ पेंट का ही काम नहीं किया, तुमने चुपचाप मरम्मत का काम भी कर दिया। उस नाव को ठीक कर दिया मुझे बताया भी नहीं, मुझसे पैसे तो लेकर के जाते तुम चुपचाप अपना काम करके चले गए।
पिंटर ने कहा सर इसमें कौन सी बड़ी बात है, मुझे लगा कि इसमें गड़बड़ है मैंने ठीक कर दिया। और यह तो मेरा काम था ठीक है कर दिया । उस व्यापारी ने कहा नहीं तुमने बहुत बड़ा काम किया ।तीन काम किए तुमने पहला यह ईमानदारी से काम किया, दूसरा है मुझे बताया भी नहीं निस्वार्थ भाव से काम कर दिया और तीसरा मेरे बच्चों की जान बचाई जो तीसरा काम है सबसे अनमोल काम है । जितने पैसे दूं उतने कम है ,दोनों बच्चे मेरे लिए जान से भी ज्यादा बढ़कर है। तुमने मेरे परिवार की जान बचा मेरे भाई तुमने कमाल कर दिया। तुमने सिर्फ दिल से एक जो काम किया ना तुम नहीं समझ रहे, हो कितना बड़ा काम है ।बहुत छोटी सी कहानी है जिसका सार ये समझाता है कि अपनी ओर से अच्छे कर्म करते चलिए, फल ऊपर वाला देगा। अपनी ओर से नेकी का काम करते चलिए और अगर आपको कोई बुरे समय में जरूरत के समय में याद कर रहा है ।तो बुरा मत मानिए कि सिर्फ जरूरत के समय ही कॉल करता है ।याद रखिए कि जब अंधेरा हो जाए तो आपको भगवान ने दिया बनने का काम दिया है। एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है दूसरे के अंधेरे में रोशनी लाने की ।तो अपना कर्तव्य निभाते चलिए, अच्छे काम करते चलिए, अच्छे फल पाते चलिए। एक बार फिर से वही बात जो अक्सर आपसे कहता हूं कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा ।