वरुण चक्रवर्ती: सपनों की जंग और कभी न हार मानने की कहानी |

वरुण चक्रवर्ती की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि उस जुनून की है जो मुश्किलों के आगे कभी नहीं झुकता। एक आर्किटेक्ट से लेकर भारतीय टीम के स्टार स्पिनर तक का यह सफर संघर्ष, धैर्य और मेहनत का प्रतीक है।


शुरुआत: सपनों का बंद बॉक्स

13 साल की उम्र में विकेटकीपर-बैट्समैन के रूप में क्रिकेट शुरू करने वाले वरुण को एज-ग्रुप क्रिकेट में लगातार असफलता मिली। परिवार के दबाव में उन्होंने क्रिकेट छोड़कर आर्किटेक्चर की पढ़ाई की और चेन्नई की एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। लेकिन, दिल का एक कोना हमेशा क्रिकेट के लिए धड़कता रहा। 25 साल की उम्र में, जब ज्यादातर खिलाड़ी करियर के चरम पर होते हैं, वरुण ने नौकरी छोड़ी और क्रिकेट में वापसी की ठानी।


मोड़: इंजरी से मिली नई दिशा

फास्ट बॉलर बनने की कोशिश में लगी चोट ने उन्हें स्पिन की ओर मोड़ दिया। वरुण ने लेग-ब्रेक, गूगली, कैरम बॉल जैसे वेरिएशन सीखे और खुद को “मिस्ट्री स्पिनर” के रूप में गढ़ा। तमिलनाडु क्रिकेट लीग में उनके प्रदर्शन (7 मैच में 31 विकेट) ने सबका ध्यान खींचा। 2018 में TNPL के फाइनल में मदुरई पैंथर्स के लिए 9 रन देकर 2 विकेट लेकर उन्होंने टीम को ट्रॉफी दिलाई।


IPL: असफलताओं से सीखते हुए

  • 2019: किंग्स XI पंजाब ने उन्हें ₹8.4 करोड़ में खरीदा, लेकिन सिर्फ 1 मैच में मौका दिया।
  • 2020: KKR ने ₹4 करोड़ में खरीदा। यहां सुनील नरेन और कुलदीप यादव से सीखकर उन्होंने 2021 IPL में धूम मचाई (18 मैच में 18 विकेट)। MS धोनी को लगातार दो बार आउट करने वाले पहले गेंदबाज बने।
  • 2022: फॉर्म गिरा, लेकिन 2023 में वापसी कर चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 विकेट लेकर मैच जिताया।

टीम इंडिया: गिरते-संभलते कदम

  • 2021 T20 वर्ल्ड कप: खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर।
  • 2024 वापसी: बांग्लादेश के खिलाफ 3 विकेट लेकर दिखाया दम।
  • चैंपियंस ट्रॉफी 2024: सेमीफाइनल में ट्रैविस हेड का विकेट और न्यूजीलैंड के खिलाफ प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब।

जीवन के 3 सबक

  1. सपनों को मत मरने दो: 17 साल की उम्र में क्रिकेट छोड़ा, 25 में वापसी की, और 33 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
  2. मेहनत ही हथियार है: रिजेक्शन, चोट, और फेलियर के बावजूद कभी हार नहीं मानी।
  3. सही समय का इंतजार: जब सबने भुला दिया, तब भी खुद पर भरोसा रखा।

Conclusion: “कर दिखाओ” की मिसाल

वरुण चक्रवर्ती साबित करते हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। उनकी कहानी हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों से डर जाता है। जैसा वरुण कहते हैं, “फेलियर अंत नहीं, नई शुरुआत का संकेत है।”

वरुण चक्रवर्ती: वो स्पिनर जिसने सपनों को ‘मिस्ट्री’ से जीत लिया! 🏏


यह ब्लॉग वरुण चक्रवर्ती के संघर्ष, जुनून और सफलता की अद्भुत यात्रा को समर्पित है।

FAQs:

1.वरुण ने क्रिकेट छोड़कर क्या किया?

Answer: उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की और चेन्नई में नौकरी की।

2.वरुण को IPL में पहला मौका किस टीम ने दिया?

Answer: किंग्स XI पंजाब ने 2019 में ₹8.4 करोड़ में खरीदा।

3. चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में उनका बेस्ट प्रदर्शन क्या था?

Answer: न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 विकेट लेकर “प्लेयर ऑफ द मैच” बने।

4. वरुण की स्पेशल बॉल कौन-सी है?

Answer: कैरम बॉल, गूगली और स्लाइडर जैसे वेरिएशन।

5. उनकी सफलता का मंत्र क्या है?

Answer: कभी हार न मानो, मेहनत करो, और सही समय का इंतजार करो।

Leave a comment